बलिया के युवक की वाराणसी में मौत, परिजनों ने कार्रवाई न होने पर शव दफनाने से किया इनकार
बलिया में चाकूबाजी के शिकार एजाज उल हक की वाराणसी में इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने कार्रवाई न होने पर शव दफनाने से किया इनकार।

बलिया। गड़वार थाना क्षेत्र में चाकूबाजी की घटना में घायल 27 वर्षीय एजाज उल हक की वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। शुक्रवार देर शाम शव गांव पहुंचने पर परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर नाराजगी जताई और शव को दफनाने से इंकार कर दिया।
परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने अब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है और मामले में पर्याप्त धाराएं नहीं लगाई गई हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। सूचना मिलने पर एएसपी दक्षिणी कृपाशंकर और सीओ सदर मोहम्मद उस्मान मौके पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच व सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ, लेकिन शुक्रवार रात शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। संभावना है कि शनिवार सुबह दफनाया जाएगा।
यह घटना 28 सितंबर की रात त्रिकालपुर स्थित पेट्रोल पंप के पास हुई थी। एजाज उल हक और उनका परिवार टेंट व लाइट का व्यवसाय करता था। कुछ दिन पहले उन्होंने शंभू सिंह के घर एक कार्यक्रम में काम किया था, जिसका भुगतान बाकी था। एजाज उल हक पैसे मांगने पहुंचे तो विवाद हो गया और उन पर चाकू से हमला कर दिया गया।
हमले में गंभीर रूप से घायल एजाज को जिला अस्पताल से बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, वाराणसी रेफर किया गया, जहां 9 अक्टूबर की रात उन्होंने दम तोड़ दिया।
घटना के बाद पीड़ित के पिता मुख्तार की तहरीर पर पुलिस ने धुरान सिंह, प्रिंस सिंह और राजेश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। राजेश सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि प्रिंस सिंह ने कोर्ट में सरेंडर किया है। मुख्य आरोपी धुरान सिंह अभी भी फरार बताया जा रहा है।
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