आत्मरक्षा से आत्मविश्वास तक: मिशन शक्ति के तहत छात्राओं ने सीखी सुरक्षा की रणनीतियां
गाजीपुर में मिशन शक्ति के तहत छात्राओं ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण लेकर आत्मविश्वास और सुरक्षा की नई रणनीतियां सीखीं। आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम।

गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मिशन शक्ति चरण-5 के अंतर्गत छात्राओं के लिए आत्मरक्षा कौशल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का संचालन ताइक्वांडो की ब्लैक बेल्ट धारक इंटरनेशनल प्लेयर नगमा परवीन ने किया। उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीकों से परिचित कराया और समझाया कि आत्मरक्षा केवल शारीरिक शक्ति नहीं, बल्कि सजगता, समझदारी और सही समय पर निर्णय लेने की कला है।
नगमा परवीन ने बताया कि आत्मरक्षा तकनीकें किसी व्यक्ति को नुकसान से बचाने के लिए बनाई गई रणनीतियाँ हैं, जिनमें शारीरिक और मौखिक दोनों प्रकार के उपाय शामिल होते हैं। उन्होंने समझाया कि खतरनाक स्थितियों में भागने या खुद को छुड़ाने की तकनीकें जानना बेहद आवश्यक है। जैसे—कलाई को ढीला छोड़ना, हमले से बचने के लिए शरीर की स्थिति बदलना और आसपास के खुले स्थानों का उपयोग करना। उन्होंने छात्राओं को हमेशा सतर्क और अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी।
कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य प्रोफेसर अनिता कुमारी ने कहा कि आत्मरक्षा तकनीक शारीरिक बल से अधिक रणनीति और जागरूकता पर आधारित होती है। इससे न केवल व्यक्ति अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि आत्मविश्वास और आत्मसम्मान भी बढ़ता है। आत्मरक्षा के प्रशिक्षण से छात्राओं में आत्मनिर्भरता और संचार कौशल जैसे जीवन-गुण विकसित होते हैं, जो आगे चलकर हर क्षेत्र में सहायक साबित होते हैं।
मिशन शक्ति प्रभारी लेफ्टिनेंट डॉ. शशिकला जायसवाल ने कहा कि आत्मरक्षा का ज्ञान हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, चाहे उसकी उम्र या क्षमता कुछ भी हो। अपने आस-पास के माहौल को समझकर और जोखिम की स्थिति में सही प्रतिक्रिया देना सीखकर खतरों को काफी हद तक टाला जा सकता है।
इस प्रशिक्षण शिविर में 110 छात्राओं ने भाग लिया, जिनमें एनसीसी कैडेट्स भी शामिल थीं। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने आत्मरक्षा के व्यावहारिक अभ्यास किए और आत्मविश्वास से भरी नजर आईं।
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